हटतार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हटतार ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ हरिताल] एक खनिज पदार्थ जिसमें संखिया और गंधक मिला रहता है । विशेष दे॰ 'हरताल' ।

हटतार ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हठतार ?]

१. माला का सूत । उ॰—प्रीत प्रीत हटतार तै नेह जु सरसै आइ । हिय तामैं कौं रसिक निधि बेधि तुरत ही जाइ ।—(शब्द॰) ।

२. हठपुर्वक देखने का तार या सिलसिला । टकटकी । उ॰—वह रुप की रासि लखी तब तेँ सखी आँखिन कैँ हटतार भई ।—घनानंद, पृ॰ ५० ।

हटतार पु ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ हट्ट + ताल] असंतोष व्यक्त करने के लिये या भय के कारण बाजार बंद करना । दूकानों में ताला लगा देना । उ॰—तीन दिवस अजमेर में परी हट्ट हटतार ।—पृ॰ रा॰, ५ ।८८ ।