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हत्थी

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हत्थी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हत्था, हाथ]

१. किसी औजार या हथियार का वह भाग जो हाथ से पकड़ा जाय । दस्ता । मूठ ।

२. चमड़े का वह टुकड़ा जिसे छीपी रंग छापते समय हाथ में लगा लेते हैं ।

३. वह लकड़ी जिससे कड़ाह में ईख का रस चलाते हैं ।

४. गोमुखी की तरह का उनी थैला जिससे घोड़ों का बदन पोंछते हैं ।

५. बारह गिरह लंबी लकड़ी जिसमें पीतल के छह दाँत लगे रहते है और जो कपड़ा बुनते समय उसे ताने रहने के लिए लगाई जाती है ।