हनुमान्

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हनुमान् ^१ वि॰ [सं॰ हनुमत्]

१. दाढ़वाला । जबड़ेवाला ।

२. भारी दाढ़ या जबड़ेवाला । महावीर ।

हनुमान् ^२ संज्ञा पुं॰ पंपा के एक वीर बंदर जिन्होंने सीताहरण के उपरांत रामचंद्र की बड़ी सेवा और सहायता की थी । विशेष—ये लंका में जाकर सीता का समाचार भी लाए थे और रावण की सेना के साथ लड़े थे । ये अपने अपार बल, वीरता और वेग के लिये प्रसिद्ध हैं और बंदरों के समान इनकी उत्पत्ति भी विष्ण के अवतार राम की सहायता के लिये देवांश से हुई थी । इनकी माता का नाम अंजनी था और ये वायु या मरुत् देवता के पुत्र कहे जाते हैं । कहीं कहीं इन्हें शिव के वीर्य या अंश से भी उत्पन्न कहा गया है । ये रामभक्तों में सबसे आदि कहे जाते हैं और राम ही के समान इनकी पूजा भी भारत में सर्वत्र होती है । ये बलप्रदाता माने जाते हैं और हिंदू पहलवान या योद्धा इनका नाम लेते हैं और इनकी उपासना करते हैं ।