हमाहमी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हम की द्बिरुक्ति] १. अपने अपने लाभ का आतुर प्रयत्न । बहुत से लागीं में से प्रत्येक का किसी वस्तु को पाने के लिये अपने को आगे करने की धुन । स्वार्थपरता । २. अपने की ऊपर करने का प्रयत्न । अहंकार ।