हयग्रीव

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हयग्रीव संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. विष्णु के चौबीस अवतारों में से एक अवतार । विशेष—मधु और कैटभ नाम के दो दैत्य जब वेद को उठा ले गये थे, तब वेद के उद्धार और उन राक्षसों के विनाश के लिये भगवान् ने यह अवतार लिया था ।

२. एक असुर या राक्षस । विशेष—यह असुर कल्पांत में ब्रह्मा की निद्रा के समय वेद उठा ले गया था । विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर वेद का उद्धार किया और इस राक्षस का बध किया था ।

३. रामायण के अनुसार एक और राक्षस का नाम ।

४. तांत्रिक बौद्धों के एक देवता । यौ॰—हयग्रीवरिपु=विष्णु का एक नाम । हयग्रीवहा=विष्णु ।