हरख

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हरख पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ हर्ष, प्रा॰, अप., हिं॰ हरख]दे॰ 'हर्ष' । उ॰—(क) छिन महिं अगिनि छिनक जलपात, त्यौं यह हरख शोक की बात ।—अर्ध॰, पृ॰ ४० । (ख) मतिराम सुकवि सँदेसो अनुमानियत, तेरे नख सिख अंग हरख कटीटे सों । — मतिराम ग्रं॰, पृ॰ ३९९ ।