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हरिणी

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हरिणी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. मादा हिरन । हिरन की मादा ।

२. मंजिष्ठा । मँजीठ । मजीठ ।

३. जर्द चमेली ।

४. कामशास्त्र के अनुसार स्त्रियों की चार जातियों या भेदों में से एक जिसे चित्रिणी भी कहते गैं । विशेष—दो अच्छी जाति की स्त्रियों में यह मध्यम है । यह पद्मिनी की अपेक्षा कम सुकुमार तथा चंचल और क्रीड़ाशील प्रकृति की होती है ।

५. सुंदरी या तरुणी स्त्री (को॰) ।

६. एक वर्णवृत्त का नाम जिसमें सत्रह वर्ण होते है । इसका स्वरूप इस प्रकार है— न स म र स ल गु (III IIS SSS SIS IIS IS) ।

७. दस वर्णों का एक वृत्त । जैसे,—फूलन की सुभ गेंद नई । सुँघि सची जनु डारि दई ।—केशव (शब्द॰) ।

८. सोने की प्रतिमा । स्वर्ण- प्रतिमा (को॰) ।

९. हरित वर्ण । हरा रंग (को॰) ।

१०. हरदी । हरिद्रा (को॰) । यौ॰—हरिणीदूक्=हरिनी के समान चंचल नेत्रवाला । हरिणी- दृशी, हरिणीनयना=हरिणी के समान चंचल नेत्रवाली स्त्री ।