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हरियाली

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हरियाली संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ हरित + आलि ( = पंक्ति, समूह)]

१. हरे- पन का विस्तार । हरे रंग का फैलाव ।

२. हरे हरे पेड़ पौधों या घास का समूह या विस्तार । जैसे,—बरसात में चारों ओर हरियाली छा जाती है । मुहा॰—हरियाली सूझना = चारों ओर आनंद ही आनंद दिखाई पड़ना । मौज की बातों की ओर ही ध्यान रहना । आनंद में मग्न रहना । जैसे,—अभी तो हरियाली सुझ रही है; जब रुपये देने पड़ेंगे, तब मालूम होगा ।

३. हरा चारा जो चौपायों के सामने डाला जाता है ।

४. दूर्वा । दे॰ 'दूब' ।

५. कजली का पर्व । दे॰ 'हरियाली तीज' । उ॰—उसी दिन से कजली अथवा 'हरियाली' की स्थापना होती ।— प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ ३४६ ।

हरियाली तीज संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ हरियाली + तीज] सावन बदी तीज जिसे 'कजली' भी कहते हैं। प्रति वर्ष श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और कुंवारी लड़कियां, दोनों करती हैं। शास्त्रों के अनुसार, हरियाली तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाता है और पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, कुंवारी लड़कियों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।[]

  1. /https://wikindia.org/ /hariyali-teej