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हर्षण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हर्षण ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. प्रफुल्लता या भय से रोंगटों का खड़ा होना । जैसे,—लोमहर्षण ।

२. प्रफुल्लित करना या होना ।

३. कामदेव के पाँच बाणों में से एक ।

४. आँख का एक रोग ।

५. एक प्रकार का श्राद्ध ।

६. फलित ज्योतिष में विष्कंभ आदि २७ योगों में से एक योग ।

७. काम के वेग से इंद्रिय का तनाव ।

८. श्राद्घ के देवता । श्राद्धदेव (को॰) ।

९. आनंद । हर्ष । प्रसन्नता (को॰) ।

१०. सेना या दल का उत्साह बढाना ।

११. अस्त का एक संहार ।

हर्षण ^२ वि॰ [वि॰ स्त्री॰ हर्षणा, हर्षणी]

१. प्रफुल्लताकारक । आनद देनेवाला ।

२. रोमांचित करनेवाला [को॰] ।