हवस
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हवस संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]
१. लालसा । कामना । चाह । जैसे,—हमें अब किसी बात की हवस नहीं है । उ॰—हवस करै पिय मिलन की, औ सुख चाहै अंग । पीड़ सहे बिनु पदि्मनी पूत न लेत उछंग ।—कबीर सा॰ सं॰, पृ॰ ४२ ।
२. लोभ । लालच (को॰) ।
३. उमंग । हौसला (को॰) ।
४. झूठी कामना । झूठी या दिखा- वटी आस क्ति (को॰) ।
५. साहस । बहादुरी । दिलेरी (को॰) । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । यौ॰—हवसदार = आकांक्षायुक्त । आकंक्षी । इच्छुक । हवस- परस्त = अत्यंत लोभी या लालची । मुहा॰—हवस निकलना = इच्छा पूरी होना । हौसला पूरा होना । हवस निकालना = इच्छा पूरी करना । हौसला पूरा करना । हवस पकाना = व्यर्थ कामना करना । केवल मन में ही किसी कामनापूर्ति का अनुमान किया करना । मनमोदक खाना । हवस पूरी करना = इच्छा पूरी करना । हवस पूरी होना = इच्छा पूर्ण होना । हवस बुझना या बुतना = हौसला खत्म होना ।
६. बुद्धिविकार । खब्त ।
७. तृष्णा । जैसे—बुड्ढे हुए पर हवस न गई ।