हव्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हव्य ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. घृत । घी ।

२. आहुति ।

३. हवन की सामग्री । वह वस्तु जिसकी किसी देवता के अर्थ अग्नि में आहुति दी जाय । जैसे,—घी, जौ, तिल आदि । विशेष—देवताओं के अर्थ जो सामग्री हवन की जाती है, वह हव्य कहलाती है और पितरों को जो आर्पित की जाती है वह कव्य कहलाती है । यौ॰—हव्य कव्य = देवताओं और पितरों को क्रमशःदी जानेवाली आहुति ।

हव्य ^२ वि॰ हवनीय । हवन के योग्य [को॰] ।