हश्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हश्र संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. कयामत । महाप्रलय ।

२. विपत्ति । मुसीबत । उ॰—कर दूँगा अभी हश्र बर्पा देखिए जल्लाद । धब्बा य मेरे खूँ का छुड़ाना नहीं अच्छा ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ २, पृ॰ ८५४ । मुहा॰—हश्र ढाना = कयामत लाना । आफत पैदा करना । हश्र बरपा करना = दे॰ 'हश्र ढाना' । हश्र बरपा होना = आफत पैदा होना । उपद्रव मचना ।