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हस्त

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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हस्त ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कर । हाथ ।

२. हाथी की सूँड ।

३. कुहनी से लेकर उँगली के छोर तक की लंबाई या नाप । एक नाप जो २४ अंगुल की होती है । हाथ ।

४. हाथ का लिखा हुआ लेख । लिखावट ।

५. एक नक्षत्र जिसमें पाँच तारे होते हैं और जिसका आकार हाथ का सा माना गया है । विशेष—दे॰ 'नक्षत्र' ।

६. संगीत या नृत्य में हाथ हिलाकर भाव बताना । विशेष—यह संगीत का सातवाँ भेद कहा गया है और दो प्रकार का होता है—लयाश्रित और भावाश्रित ।

७. वासुदेव के एक पुत्र का नाम ।

८. छंद का एक चरण ।

९. गुच्छ । समूह । जैसे,—केश हस्त ।

१०. मदद । सहयोग । सहायता (को॰) ।

११. एक वृक्ष का नाम (को॰) ।

१२. चमड़े की धौकनी । भाथी (को॰) ।

१३. आभास । संकेत । प्रमाण (को॰) ।

हस्त ^२ वि॰ जो हस्त नक्षत्र में उत्पन्न हो [को॰] ।

हस्त खस्त पु वि॰ [फ़ा॰ हस्त (= है = अस्तित्वयुक्तता) + खस्त(= खस्ता) क्षणभंगुर । नश्वर । उ॰—यह तन हस्त खस्त खराब खातिर अंदेसा बिसियार ।—रै॰ बानी, पृ॰ २९ ।