हस्त
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हस्त ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. कर । हाथ ।
२. हाथी की सूँड ।
३. कुहनी से लेकर उँगली के छोर तक की लंबाई या नाप । एक नाप जो २४ अंगुल की होती है । हाथ ।
४. हाथ का लिखा हुआ लेख । लिखावट ।
५. एक नक्षत्र जिसमें पाँच तारे होते हैं और जिसका आकार हाथ का सा माना गया है । विशेष—दे॰ 'नक्षत्र' ।
६. संगीत या नृत्य में हाथ हिलाकर भाव बताना । विशेष—यह संगीत का सातवाँ भेद कहा गया है और दो प्रकार का होता है—लयाश्रित और भावाश्रित ।
७. वासुदेव के एक पुत्र का नाम ।
८. छंद का एक चरण ।
९. गुच्छ । समूह । जैसे,—केश हस्त ।
१०. मदद । सहयोग । सहायता (को॰) ।
११. एक वृक्ष का नाम (को॰) ।
१२. चमड़े की धौकनी । भाथी (को॰) ।
१३. आभास । संकेत । प्रमाण (को॰) ।
हस्त ^२ वि॰ जो हस्त नक्षत्र में उत्पन्न हो [को॰] ।
हस्त खस्त पु वि॰ [फ़ा॰ हस्त (= है = अस्तित्वयुक्तता) + खस्त(= खस्ता) क्षणभंगुर । नश्वर । उ॰—यह तन हस्त खस्त खराब खातिर अंदेसा बिसियार ।—रै॰ बानी, पृ॰ २९ ।