हाक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हाक पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ हाँक] पुकार । गर्जन । उ॰—दादू धरती करते एक डग, दरिया करते फाल । हाकी पर्वत फाड़ते, सो भी खाए काल ।—दादू॰, पृ॰ ४०१ ।