हाड़
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हाड़ पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ हड्ड या अस्थि] । अस्थि । हड्डी । उ॰—चरण चंगु गत चातकहि नेम प्रेम की पीर । तुलसी परबस हाड़ परि परिहै पुहुमी नीर ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. वंश या जाति की मर्यादा । कुलीनता । उ॰—देवनंदन देखने सुनने, पढ़ने लिखने सब बातों में अच्छा है, पर हाड़ में तो अच्छा नहीं है ।— ठेठ॰, पृ॰ ८ ।
हाड़ † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] आषाढ़ का महीना । उ॰—बस ! अबके हाड़ में यह आम खूब फलेगा, चाचा भतीजा दोनों यहीं बैठकर आम खाना ।—गुलेरीजी॰ पृ॰ ५१ ।