हाता

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हाता ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰ इहातह्]

१. घेरा हुआ स्थान । वह जगह जिसके चारों ओर दीवार खिँची हो । बाड़ा ।

२. देशाविभाग । मंडल । हलका या सूबा । प्रांत । जैसे,—बंगाल हाता; बंबई हाता ।

३. रोक । हद । सीमा ।

हाता पु ^२ वि॰ [सं॰ हात] [वि॰ स्त्री॰ हाती]

१. अलग । दूर किया हुआ । हटाया हुआ । उ॰—(क) कंत सुनु मंत, कुल अंत किए अंत हानि, हातो कीजै हीय तै भरोसो भुज बीस को ।—तुलसी (शब्द॰) । (ख) जानत प्रीति रीति रघुराई । नाते सब होते करि राखत राम सनेह सगाई ।—तुलसी (शब्द॰) । (ग) मधुकर ! रह्यौ जोग लौं नातो । कतहिं बकत बेकाम काज बिनु, होय न हयाँ ते हातो ।—सूर (शब्द॰) । (घ) हरि से हितू सों भ्रमि भूलि हू न कीजै मान, हातो किए हिय हू सों होत हित हानियै ।—केशव (शब्द॰)

२. नष्ट । बरबाद ।

हाता ^३ वि॰, संज्ञा पुं॰ [सं॰ हन्ता] मारनेवाला । बध करनेवाला (समास में प्रयुक्त) ।