हाशिया

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हाशिया संज्ञा पुं॰ [अ॰ हाशियह्]

१. किसी फैली हुई वस्तु का किनारा । कोर । पाड़ । बारी । जैसे,—किताब का हाशिया, कपड़े का हाशिया ।

२. गोट । मगजी । क्रि॰ प्र॰—चढ़ाना ।—लगाना ।

३. हाशिए या किनारे पर का लेख । नोट । मुहा॰—हाशिए का गवाह=वह गवाह या साक्षी जिसका नाम किसी दस्तावेज के किनारे दर्ज हो । हाशिया चढ़ाना=किसी बात में मनोरंजन आदि के लिये कुछ और बात जोड़ना । नमक मिर्च लगाना । यौ॰—हाशिया आराई=दे॰ 'हाशिया चढ़ाना' । हाशियानशीन= (१) दरबार में मंडलाकार बैठनेवाले सभासद । (२) किसी बड़े आदमी के पास उठने बैठनेवाले लोग । हशियानशीनी= दरबरदारी । मुसाहिबी ।