हित्त

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हित्त पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ हित]दे॰ 'हित' । उ॰—देह निकट तेरे पड़ी, जीव अमर है नित्त । दुइ में मूवा कौन सा, का सूँ तेरा हित्त ।— संतवाणी॰, पृ॰ १५७ ।