हिना
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मेंहदी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
हिना संज्ञा स्त्री॰ [अ॰] मेंहदी । उ॰—उसके कदमों से लगी रहती है दिन रात हिना । खूब दुनिया में बसर करती है औकात हिना ।—क॰ कौ॰, भा॰
४. पृ॰ ४२ । यौ॰—हिना का चोर=हथेली का वह अंश जहाँ मेंहदी न लगी हो । हिनाबंद=मेंहदी लगानेवाला ।