हिरण्यकशिपु

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हिरण्यकशिपु ^२ संज्ञा पुं॰ एक प्रसिद्ध विष्णुविरोधी दैत्य राजा का नाम जो प्रह्लाद का पिता था । विशेष—यह कश्यप और दिति का पुत्र था और भगवान् का बड़ा भारी विरोधी था । इसे ब्रह्मा से यह वर मिला था कि मनुष्य, देवता और किसी प्राणी से तुम्हारा वध नहीं हो सकता । इससे यह अत्यंत प्रबल और अजेय हो गया । जब इसने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान् की भक्ति करने के कारण बहुत सताया और एक दिन उसे खंभे से बाँध और तलवार खींचकर बार कहने लगा कि 'बता ! अब तेरा भग- वान् कहाँ है? आकार तुझे बचावे' । तब भगवान् नृसिंह (आधा सिंह और आधा मनुष्य) का रूप धारण करके खंभा फाड़कर प्रकट हुए और उसे फाड़ डाला । भगवान् का चौथा नृसिंह अवतार इसी दैत्य को मारनेके लिये हुआ था ।