हीन

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हीन ^१ वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ हीना]

१. परित्यक्त । छोड़ा हुआ ।

२. रहित । जिसमें न हो । शून्य । वंचित । खाली । विना । बगैर । जैसे,—शक्तिहीन, गुणहीन, धनहीन, बलहीन, श्रीहीन ।

२. निम्न कोटि का । नीचे दर्जे का । निकृष्ट । घटिया । जैसे—हीन जाति ।

३. ओछा । नीच । बुरा । असत् । खराब । कुत्सित । जैसे,—हीन कर्म । उ॰—चंपक कुसुम कहा सरि पावै । बरनौ हीन बास बुरि आवै ।— नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १२२ ।

४. अनुपयुक्त । तुच्छ । नाचीज । जिसमें कुछ भी महत्व न हो ।

५. सुख समृद्धि रहित । दीन । जैसे,—हीन दशा ।

६. पथभ्रष्ट । भटका हुआ । साथ या रास्ते से अलग जा पड़ा हुआ । जैसे—पथहीन ।

७. अल्प । कम । थोड़ा ।

८. दीन । नम्र । उ॰—रहै जो पिय के आयसु औ वरतै होइ हीन । सोई चाँद अस निरमल जनम न होई मलीन ।—जायसी (शब्द॰) । ९ (वाद में) पराजित या हारा हुआ (को॰) ।

१०. दोषयुक्त । सदोष ।

हीन ^२ संज्ञा पुं॰

१. प्रमाण के अयोग्य साक्षी । बुरा गवाह ।

हीन ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰] काल । ससय ।