हीरक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हीरक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. हीरा नामक रत्न । उ॰—नव उज्जवल जलधार, हार हीरक सी सोहति ।—भारतेंदु ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २८२ ।

२. हीर नामक एक छंद । दे॰ 'हीर' ।