हुँ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

हुँ पु ^१ अव्य॰ [सं॰ उप, प्रा॰ उव] भी । दे॰ 'हू' ^१ । उ॰—ऐसे हौं हुँ जानति भृंग । नाहिनै काहू लहो सुख प्रीति करि इक अंग ।—तुलसी ग्रं॰, पृ॰ ४४९ ।

हुँ ^२ अव्य॰ [सं॰ हुम्]

१. एक शब्द जो किसी बात को सुननेवाला यह सूचित करने के लिये बोलता है कि हम सुन रहे हैं ।

२. स्वीकृति- सूचक शब्द । हाँ ।