होमियोपैथी
यह लेख एकाकी है, क्योंकि इससे बहुत कम अथवा शून्य लेख जुड़ते हैं। कृपया सम्बन्धित लेखों में इस लेख की कड़ियाँ जोड़ें। (अप्रैल २०१४) |
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
होमियोपैथी संज्ञा स्त्री॰ [अं॰] थोड़े दिनों से निकला हुआ पाश्चात्य चिकित्सा का एक सिद्धांत या विधान । वह चिकित्सापद्धति जिसे डाक्टर हैनिमैन ने जर्मनी में आविष्कृत किया था । रोग के समान लक्षण उत्पन्न करनेवाले द्रव्यों द्वारा रोगनि- वारण की पद्धति । विशेष—इसका सिद्धांत है कि जो वस्तु अधिक मात्रा में कोई रोग उत्पन्न करती है वही वस्तु सूक्ष्ममात्रा में उस रोग का विनाश भी करती है । इस सिद्धांत के अनुसार कोई रोग उसी द्रव्य से दूर होता है जिसके खाने से स्वस्थ मनुष्य में उस रोग के समान लक्षण प्रकट होते हैं । इस पद्धति में रोग के लक्षण तथा रोगी की मानसिक अवस्था के अनुसार दवा दी जाती है । मुख्यतः इस प्रणाली में रोगी की मन स्थिति पर विचार करके दवा होती है । इसमें वैज्ञानिक विधि द्वारा विभिन्न ओषधियों और संखिया, कुचला आदि अनेक विषों को स्पिरिट में डालकर उनकी मात्रा को निरंतर हलकी करते जाते हैं और इस प्रकार विषों की अल्प से अल्प मात्रा द्वारा रोग दूर किए जाते हैं ।