होर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

होर ^१ वि॰ [अनु॰] ठहरा हुआ । चलने से रुका हुआ । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।

होर ^२ संज्ञा पुं॰ [पं॰] ओर । मार्ग । राह । उ॰—असाँनूँ चेटक लाइ गया की कराँ कुछ होर न सुझदा ।—घनानंद॰, पृ॰ ३४० ।

होर ^३ संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰] रवि । सूरज । सूर्य [को॰] ।