हौस
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]हौस संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ हवस]
१. चाह । प्रबल इच्छा । लालसा । कामना । उ॰—(क) सजै विभूषन बसन सब पिया मिलन की हौस ।—पद्माकर ।—(शब्द॰) । (ख) हौस मरै सिगरी सजनी कबहूँ हरि सों हँसि बात कहौगी ।—केशव (शब्द॰) ।
२. उमंग । हर्षोत्कंठा । उ॰—रति विपरीत की पुनीत परिपाटी मनौ हौसन हिंडोरे की सुपाटी में पढ़ति है ।— पद्माकर (शब्द॰) ।
३. हौसला । उत्साह । साहसपूर्ण इच्छा ।