ह्वईं पु † अव्य॰ [हिं॰ वहाँ + ही] दे॰ 'वहीं' । उ॰—जहाँ भूप जा जा करि मरत, तिनके हाड़ ह्वई जा गिरते ।—चरण॰, पृ॰ २०८ ।