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चौदह

विक्षनरी से
(14 से अनुप्रेषित)

विशेषण

संज्ञा

संख्या १४

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

चौदह ^१ वि॰ [सं॰ चतुर्दश प्रा॰, चउदद्स, अप॰ चउदद्ह] जो गिनती में दस और चार हो । जो दस से चार अधिक हो ।

चौदह ^१ संज्ञा पुं॰ दस और चार के जोड की संख्या जो अंकों में इस प्रकार लिखी जाती है— १४ । मुहा॰— चौदह विद्या, चौदह भुवन॰ चौदह रत्न = दे॰'विद्या', 'भुवन' और 'रत्न' । यौ॰— चौदह खंड = चौदह भुवन । उ॰— चौदह खंड बसै जाके मुख, सबको करत अहारा हो ।—कबीर श॰, भा॰ २, पृ॰ १४ । चौदह चंदा = चौदह विद्याओं का प्रकाश । उ॰— चौसंठ दीवा जोय के, चौदह चंदा माहिं । तेहिं घल किसका चाँदना, जेहिं धर सतगुरु नाहिं । कबीर सा॰ सं॰ भा॰ १, पृ॰ १७ । चौदह ठहर = चौदह लोक । उ॰— बाखारि एक विधाते कीन्हा चौदह छहर पाठ सो लीन्हा । कबीर बी॰, पृ॰ १२ ।

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