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  • नहीं माना जा सकता । कुछ विद्वानों का कथन है कि वात्स्यायन ईसा की पाँचवीं शताब्दी में हुए । ईसा की छठी शताब्दी में वासवद- त्ताकार सुबंधु ने मल्लनाग, न्यायस्थिति...
    १०२ KB (८,०५७ शब्द) - २३:०७, २१ मई २०१७
  • कलिवर्ज्य यतियों को भी भोजन के विषय में जाति-नियम पालन करने को बाध्य करता है। *(४१) नवीन उदक (नये वर्षाजल) का दस दिनों तक सेवन न करना कलिवर्ज्य है।* हरदत्त (आप०ध...
    ११४ KB (८,५६५ शब्द) - १२:४९, ३० अगस्त २०२०