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  • नहीं माना जा सकता । कुछ विद्वानों का कथन है कि वात्स्यायन ईसा की पाँचवीं शताब्दी में हुए । ईसा की छठी शताब्दी में वासवद- त्ताकार सुबंधु ने मल्लनाग, न्यायस्थिति...
    १०२ KB (८,०५७ शब्द) - २३:०७, २१ मई २०१७
  • स्नान करे । इस कलिवर्ज्य ने इस अनुमति को दूर कर दिया है। *(२५) दूसरे के लिए अपने जीवन का परित्याग कलिवर्ज्य है ।*  विष्णुधर्म सूत्र (३।४५) का कथन है कि...
    ११४ KB (८,५६५ शब्द) - १२:४९, ३० अगस्त २०२०