की
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]की ^१ प्रत्य॰ [हिं॰ का] हिं॰ विभक्ति 'का' का स्त्री॰ । जैसे,— उसकी गाय ।
की ^३ अव्य॰ [हिं॰ 'कि' का विकृत रूप]
१. क्या । उ॰—अपयश योग की जानकी, ममि चारों की कान्हि ।—तुलसी (शब्द॰) २ या । या तो । उ॰—को मुख पट दीन्हैं रहैं, की यथार्थ भाखंत ।—तुलसी (शब्द॰) ।
की ^४ संज्ञा स्त्री॰ [अ॰]
१. वह पुस्तक जिसमें किसी ग्रंथ या पुस्तक के कठिन शब्दों के अर्थ या उनकी व्याख्या की गई हो । कुंजी
२. चाबी । ताली ।