क्षुर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]क्षुर संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. छुरा । उस्तरा । यौ॰—क्षुरकर्म, क्षुरक्रिया = हजामत । क्षुरचतुष्टय = हजामत के लिये आवश्यक उस्तरा, जल, कुशतृण और ब्रश आदि ४ वस्तुएँ ।
२. वह बाण जिसकी गाँसी की धार छुरे के सदृश होती है ।
३. गोखरू ।
४. पशुओं के पावँ का खुर ।
५. शय्या का पावा । चारपाई का गोड़ा [को॰] ।