चुपड़ना क्रि॰ स॰ [अनुर॰] १. किसी गीली वस्तु को फैलाकर लगाना । किसी विपचिपी वस्तु का लेप करना । पोतना । जैसे,—रोटी में घी चुपड़ना । दोष छिपाना । किसी दोष का आरोप दूर करने के जिये इधर उधर की बातें करना । जैसे,—उसने अपराध तो किया ही है, अब आपके