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पागल

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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पागल वि॰ सं॰ [वि॰ स्त्री॰ पगली, पागलिनी]

१. विक्षिप्त । बौड़हा । सनकी । बावला । सिड़ी । दजिसका दिमाग ठीक न हो । यौ॰—पागलखाना । पागलपन ।

२. क्रोध, शोक या प्रेम आदि के उद्धेग में जिसकी भंला बुरा सोचने की शक्ति जाती रही हो । जिसके होश हवास दुरुस्त न हों । आपे से बाहर । जैसे, —(क) वे उनके प्रेम में पागल हो गए हैं । (ख) वे मारे क्रोध के पागल हो गए हैं ।

३. मूर्ख । नासमझ । बेवक़ूफ़ । जैसे,—तुम निरे पागल हो ।