मानस
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]मानस ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. मन । हृदय । उ॰— माँगत तुलसिदास कर जोरे । बसहिं राम सिय मानस मोरे ।—तुलसी (शब्द॰) ।
२. मानसरेवर । उ॰— रोष महामारी परतोष महतारी दुनी देखिए दुखारी मुनि मानस मरालिके—तुलसी (शब्द॰) ।
३. कामदेव ।
४. संकल्प विकल्प ।
५. एक नाग का नाम ।
६. शाल्मली द्वीप के एक वर्ष का नाम ।
७. पुष्कर द्वीप के एक पर्वत का नाम ।
८. दूत । चर । उ॰— (क) मानस पठाए सुधि को लाए साँच आँच लगि करौ साष्टांग बात मानी भाग फेले है ।— प्रियादास (शब्द॰) । (ख) दैके वहु भाँति सो पठाए संग मानस हू आवो पहुँचाइ तव तुम पर रोझिए ।—प्रियादास (शब्द॰) ।
९. गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण । रामचरित- मानस ।
१०. विष्णु का एक रूप (को॰) ।
११. एक प्रकार का नमक (को॰) ।
मानस ^२ वि॰
१. मन से उत्पन्न । मनोभव ।
२. मन का विचारा हुआ । उ॰— कलि कर एक पुनीत प्रतापा । मानस पुन्य होइ नहिं पापा ।— तुलसी (शब्द॰) ।
मानस ^३ क्रि॰ वि॰ मन के द्वारा । उ॰— रहै गंडकी सुत मुख बीचा । पूज्यो मानस शिर करि नीचा ।— विश्राम (शब्द॰) ।
मानस पु ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ मानुस] मनुष्य । आदमी । उ॰— कोमल मृगलिका सी मल्लिका की मलिका सी बालिका जु डारी भाउ मानस कै पशु है ।— केशव (शब्द॰) । यौ॰—मानसदेव ।