रगड़
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रगड़ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ रगड़ना]
१. रगड़ने की क्रिया या भाव । घर्षण ।
२. वह हलका चिह्न जो साधारण घर्षण से उत्पन्न हो जाय । क्रि॰ प्र॰—खाना ।—लगना ।
३. (कहारों की परिभाषा में) धक्का ।
४. हुज्जत । झगड़ा । तकरार ।
५. भारी श्रम । गरही मेहनत । मुहा॰—रगड़ डालना = अधिक मेहनत लेना । भारी श्रम कराना । रगड़ पड़ना = अधिक परिश्रम उठाना या पड़ना । जैसे,—उसे बहुत रगड़ पड़ी; इससे थक गया ।