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रोकड़

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रोकड़ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रोक ( =नकद) ]

१. नगद रुपया पैसा आदि, विशेषतः वह रकम जिसमें से आय व्यय होता है । नगद रुपया ।

२. जमा । धन । पूँजी । मुहा॰—रोकड़ मिलाना =आय व्यय का जोड़ लगाकर यह देखना कि रकम बढ़ती या घटती तो नहीं है । यौ॰—रोकड़ बहो । रोकड़ विक्री ।