लौटना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]लौटना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ उलटना]
१. कही जाकर पुनः वहाँ से फिरना । वापस आना । पलटना । उ॰—(क) नख तें सिख लौं लखि मोहन को तन लाड़िली लौटन पीठ दई । कबि बेनी छबीले भरी अँकवारि पसारि भुजा करि नेहमई । यह गुंज की माल कठोर अहो रहो मो छातियाँ गड़ि पीर भई । उचकी लची चौंकी चकी मुख फेरि तरेरि बडी अँखियाँ चितई ।—बेनी (शब्द॰) ।
२. इधर से उधर मुँह फेरना । पीछे की ओर मुँह करना । उ॰—ताही समय उठो घन घोर शोर दामिनी सी लागी लौटि श्याम घन उर सों लपकि कै ।—केशव (शब्द॰) । संयो क्रि॰—जाना ।—पड़ना ।
लौटना ^२ क्रि॰ स॰ इधर से उधर करना । पलटना । उलटना । जैसे— पुस्तक के पत्ते लौटना । (क्क॰) ।