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श्वेत

विक्षनरी से

विशेषण

  1. धवल, उजला, सफेद, गोरा

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

श्वेत ^१ वि॰ [सं॰]

१. जिसमें कोई रंग न मालूम हो । बिना रंग का । सफेद । धौला । चिट्टा । विशेष—विज्ञान से सिद्ध है कि श्र्वेत रंग में सातों रंगों का अभाव नहीं है बल्कि उनका गूढ़ मेल है । सूर्य की किरनें देखने में सफेद जान पड़ती हैं, पर रश्मि विश्लेषण क्रिया से सातों रंगों की किरणें अलग अलग हो जाती हैं ।

२. शुभ्र । उज्वल । साफ । निर्गल ।

३. निर्दोष । निष्कलंक ।

४. जो साँवला न हो । गोरा ।

श्वेत ^२ संज्ञा पुं॰

१. सफेद रंग । श्वेत वर्ण ।

२. चाँदी । रजत ।

३. कौड़ी । कपर्दक ।

४. पुराणानुसार एक द्वीप ।

५. आयुर्वेद में तीसरी त्वचा की संज्ञा । शरीर के चमड़े की तीसरी तह ।

६. एक पर्वत ।

७. स्कंद के एक अनुचर का नाम ।

८. शोभांजन वृक्ष । सहिंजन ।

९. जीवक नामक अष्टवर्गीय ओषधि ।

१०. शंख ।

११. शुक्र ग्रह ।

१२. सफेद घोड़ा ।

१३. सफेद बादल ।

१४. एक केतु या पुच्छल तारा ।

१५. सफेद जीरा । श्वेत जीरक ।

१६. शिव का एक अवतार ।

१७. वराह-मूर्ति-भेद । श्वेत वराह ।

१८. पुराण के अनुसार हिरणमय वर्ष और रम्यक वर्ष के बीच का एक पर्वत ।

१९. सफेद बकरा (को॰) ।

२०. आँखों की सफेदी । नेत्र का श्वेत रंग (को॰) ।

२१. अग्निपुराण में वर्णित एक राजा का नाम (को॰) ।

२२. भागवत के अनुसार एक नाग (को॰) ।

२३. तक्र या मट्ठा जिसमें समानुपात में जल मिलाया हो (को॰) ।

श्वेत सिग्रु संज्ञा पुं॰ [सं॰] श्वेत पुष्पवाला सहिंजन वृक्ष [को॰] ।