श्वेत
विशेषण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
श्वेत ^१ वि॰ [सं॰]
१. जिसमें कोई रंग न मालूम हो । बिना रंग का । सफेद । धौला । चिट्टा । विशेष—विज्ञान से सिद्ध है कि श्र्वेत रंग में सातों रंगों का अभाव नहीं है बल्कि उनका गूढ़ मेल है । सूर्य की किरनें देखने में सफेद जान पड़ती हैं, पर रश्मि विश्लेषण क्रिया से सातों रंगों की किरणें अलग अलग हो जाती हैं ।
२. शुभ्र । उज्वल । साफ । निर्गल ।
३. निर्दोष । निष्कलंक ।
४. जो साँवला न हो । गोरा ।
श्वेत ^२ संज्ञा पुं॰
१. सफेद रंग । श्वेत वर्ण ।
२. चाँदी । रजत ।
३. कौड़ी । कपर्दक ।
४. पुराणानुसार एक द्वीप ।
५. आयुर्वेद में तीसरी त्वचा की संज्ञा । शरीर के चमड़े की तीसरी तह ।
६. एक पर्वत ।
७. स्कंद के एक अनुचर का नाम ।
८. शोभांजन वृक्ष । सहिंजन ।
९. जीवक नामक अष्टवर्गीय ओषधि ।
१०. शंख ।
११. शुक्र ग्रह ।
१२. सफेद घोड़ा ।
१३. सफेद बादल ।
१४. एक केतु या पुच्छल तारा ।
१५. सफेद जीरा । श्वेत जीरक ।
१६. शिव का एक अवतार ।
१७. वराह-मूर्ति-भेद । श्वेत वराह ।
१८. पुराण के अनुसार हिरणमय वर्ष और रम्यक वर्ष के बीच का एक पर्वत ।
१९. सफेद बकरा (को॰) ।
२०. आँखों की सफेदी । नेत्र का श्वेत रंग (को॰) ।
२१. अग्निपुराण में वर्णित एक राजा का नाम (को॰) ।
२२. भागवत के अनुसार एक नाग (को॰) ।
२३. तक्र या मट्ठा जिसमें समानुपात में जल मिलाया हो (को॰) ।
श्वेत सिग्रु संज्ञा पुं॰ [सं॰] श्वेत पुष्पवाला सहिंजन वृक्ष [को॰] ।