सिक्का
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सिक्का संज्ञा पुं॰ [अ॰ सिक्कह्]
१. मुहर । मुद्रा । छाप । ठप्पा ।
२. रुपए, पैसे आदि पर की राजकीय छाप । मुद्रित चिह्न ।
३. राज्य के चिह्न आदि से अंकित धातु खंड जिसका व्यवहार देश के लेन देन में हो । टकसाल में ढला हुआ धातु का टुकड़ा जो निर्दिष्ट मूल्य का धन माना जाता है । रुपया, पैसा, अशरफी आदि । मुद्रा । मुहा॰—सिक्का बैठना या जमना = (१) अधिकार स्थापित होना । प्रभुत्व होना । (२) आतंक जमना । प्रधानता प्राप्त होना । रोब जमना । धाक जमना । सिक्का बैठाना या जमाना = (१) अधिकार स्थापित करना । प्रभुत्व जमाना । (२) आतंक जमाना । प्रधानता प्राप्त करना । रोब जमाना । सिक्का पड़ना = सिक्का ढलना ।
४. पदक । तमगा ।
५. माल का वह दाम जिसमें दलाली न शामिल हो । (दलाल) ।
६. मुहर पर अंक बनाने का ठप्पा ।
७. नाव के मुँह पर लगी एक हाथ लंबी लकड़ी ।
८. लोहे की गावदुम पतली नली जिससे जलती हुई मशाल पर तेल टपकाते हैं ।
९. वह धन जो लड़की का पिता लड़के के पिता के पास सगाई पक्की होने के लिये भेजता है ।