है
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]है ।
४. अक्षरों और मात्राओं के क्रमानुसार तैयार की हुई शब्द, ग्रंथ, नाम या विषय आदि की सूची ।
है और जिसके पहनने के अधिकारी ईसाई धर्म के आचार्य, ग्रैजुएट, बड़े न्यायाधीश अथवा कुछ अन्य विशिष्ट लोग ही समझे जाता हैं ।
है ^१ अव्य॰
१. एक आश्चर्यसूचक शब्द । जैसे,—हैं ! यह क्या हुआ ?
२. एक निषेध या असहमतिसूचक शब्द । जैसे,—हैं ! यह क्या करते हो ? यौ॰—हैं हैं ।
है पु ‡ ^१ क्रि॰ अ॰ हिं॰ क्रि॰ 'होना' का वर्तमानकालिक एकवचन रूप ।
है पु ‡ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ हय]दे॰ 'हय' । उ॰—दिष्ष फौज सुरतान की बंधव मोकलि भट्ट । तुम उप्पर गोरी सुबर है गै सज्जे थट्ट ।—पृ॰ रा॰, ५८ ।१९६ । यौ॰—हैवर । हैकल । हैगल ।
है है अव्य॰ [हा हा] शोक, खेद या दुःखसूचक शब्द । हाय । अफसोस । हा हंत ।