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कचहरी

विक्षनरी से

संज्ञा

  1. न्यायालय, अदालत

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

कचहरी संज्ञा स्त्री॰ [देश॰ अथवा सं॰ कष+ गृह =कषगृह > कशघरी >कछहरी > कचहरी अथवा सं॰ कृत्य= कर्तव्य +गृह > कच्चघरी > कचहरी]

१. गोष्ठी । जमावड़ा । जैसे,— तुम्हारे यहाँ दिल रात कचहरी लगी रहती है ।

२. दरबार । राजसभा । उ॰— अमर सिंह राजा को नाम । नागी कचहरी बहु विधि धामा ।— कबीर सा॰, पृ॰ ४५५ । क्रि॰ प्र॰— अठना ।— करना । — बैठना । — लगना ।— लगाना ।

३. न्यायालय । अदालत । क्रि॰ प्र॰— उठना । — करना । — लगाना ।— मुहा॰— कचहरी चढ़ना = अदालत तक मामला ले जाना ।

४. न्यायालय का दफ्तर ।

५. दफ्तर । कार्यालय ।