कचहरी
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कचहरी संज्ञा स्त्री॰ [देश॰ अथवा सं॰ कष+ गृह =कषगृह > कशघरी >कछहरी > कचहरी अथवा सं॰ कृत्य= कर्तव्य +गृह > कच्चघरी > कचहरी]
१. गोष्ठी । जमावड़ा । जैसे,— तुम्हारे यहाँ दिल रात कचहरी लगी रहती है ।
२. दरबार । राजसभा । उ॰— अमर सिंह राजा को नाम । नागी कचहरी बहु विधि धामा ।— कबीर सा॰, पृ॰ ४५५ । क्रि॰ प्र॰— अठना ।— करना । — बैठना । — लगना ।— लगाना ।
३. न्यायालय । अदालत । क्रि॰ प्र॰— उठना । — करना । — लगाना ।— मुहा॰— कचहरी चढ़ना = अदालत तक मामला ले जाना ।
४. न्यायालय का दफ्तर ।
५. दफ्तर । कार्यालय ।