कुंजी
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वस्तु वाचक संज्ञा
अर्थ
एक ऐसी वस्तु जिससे किसी भी जगह को सुरक्षित रूप से बन्द या खोला जा सकता है। इसका उपयोग ताले को खोलने और वापस बन्द करने में होता है। इस शब्द का दूसरा उपयोग एक प्रकार के पुस्तक में भी होता है, जिसमें सभी प्रश्नों के उत्तर दिये होते हैं।
उदाहरण
- ताला खोलने वाली कुंजी
- आज मैं अपने घर की कुंजी कहीं भूल गया।
- लगता है यह किसी और ताले की कुंजी है।
- कुंजी को हमेशा संभाल कर रखना चाहिए।
- उपयोग के बाद कुंजी को ताले में लगा कर या उसके पास रखना चाहिए।
- प्रश्नों के उत्तर वाली कुंजी
- हमें प्रश्नों के उत्तर हेतु हमेशा कुंजी पर निर्भर नहीं होना चाहिए।
- कई बार कुंजी में गलत जानकारी भी हो सकती है।
अन्य शब्द
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कुंजी † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कुञ्जिका] चाभी । ताली । उ॰— कुंजी उसकी जबानी शीरीं है । दिल मेरा कुफ्ल हैं बताशो का ।— कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ १६ । मुहा॰— (किसी की) कुंजी हाथी में होना = किसी का वश में होना । किसीं की चाल या गति का वश में होना । जैसे,— वे तुमसे कुछ न बोलोंगे उनकी कुंजी तो हमारे हाथ मे हैं ।
२. पुस्तक जिससे किसी दूसरी पुस्तक का अर्थ खुले । टीका ।