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केवल

विक्षनरी से

विशेषण

केवल

  1. अकेला, एक

क्रिया-विशेषण

केवल

  1. सिर्फ़

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

केवल ^१ वि॰ [सं॰]

१. एकमात्र । अकेला ।

२. शुद्ध । पवित्र ।

३. अमिश्रित । उत्कृष्ट । उत्तम श्रेष्ठ ।

४. पूर्ण । समस्त । पूरा (को॰) ।

५. नग्न । आनावृत (भूमि) (को॰) ।

केवल ^२ क्रि॰ वि सिर्फ । उ॰ केवल हूँमा की हुँकारी की झांई पर्वत के कंदरों में बोलती है । — श्यामा॰ , पृ॰ ७९ ।

केवल ^३ संज्ञा पुं॰ [वि॰ केवली]

१. वह ज्ञान जो भ्राँतिशून्य और विशुद्ध हो । विशेष — सांख्य के अनुसार इस प्रकार का ज्ञन तत्वाभ्यास से प्राप्त होता है । यह ज्ञान मोक्ष का साधक होता है । इससे ज्ञानी को यह साक्षात हो जाता है किन में कर्ता हूँ, न मेरा किसी से कुछ संबंध है और न मैं स्वयँ पृथक कुछ हुँ । इस प्रकार के ज्ञान से वह पुरुष को साक्षी मात्र के रूप में देखतां है ।

२. जैन शास्त्रानुसार सम्यक् ज्ञान ।

३. वास्तु विद्या में स्तंभ के आधार अर्थात् कुंभी के ऊपर का ढाँचा ।