दक्षिण
संज्ञा
दक्षिण (dakṣiṇ) m
- दक्खिन की दिशा। उत्तर के सामने की दिशा।
- काव्य या साहित्य में वह नायक जिसका अनुराग अपनी सब नायिकाओं पर समान हो।
- प्रदक्षिण।
- तंत्रोक्त एक आचार या मार्ग।
- विशेष – कुलार्णव तंत्र में लिखा है कि सबसे उत्तम तो वेदमार्ग है, वेद से अच्छा वैष्णाव मार्ग है, वैष्णव से अच्छा शैव मार्ग है, शेव से अच्छा दक्षिण मार्ग है, दक्षिण से अच्छा वाम मार्ग है और वाम मार्ग से भी अच्छा सिद्धांत मार्ग है।
- दाहिना हाथ या पार्श्व (को॰)।
- दे॰ 'दक्षिणाग्नि'।
- रथ कै दाहिनी ओर का अश्व (को॰)।
- दक्षिण का प्रदेश (को॰)।
- विष्णु।
- शिव का एक नाम (को॰)।
दिशा-सूचक शब्द
पश्चिमोत्तर | उत्तर | पूर्वोत्तर |
पश्चिम | पूर्व | |
दक्षिण-पश्चिम | दक्षिण | दक्षिण-पूर्व |
विशेषण
दक्षिण (dakṣiṇ)
- दाँया। दाहिना। बायाँ का उलटा।
- इस प्रकार प्रवृत्त जिससे किसी का कार्य सिद्ध हो। अनुकूल।
- साधु। ईमानदार। सच्चा (को॰)।
- उस ओर का जिधर सूर्य की ओर मुँह करके खड़े होने से दाहिना हाथ पेड़। उत्तर का उलटा।
- यौगिक दक्षिणापथ। दक्षिणायन।
- निपुण। दक्ष। चतुर।
संज्ञा
एक दिशा है।
उदाहरण
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
दक्षिण ^१ वि्॰ [सं॰]
१. दहना । दाहना । बायाँ का उलटा । अप- सव्य ।
२. इस प्रकार प्रवृत्त जिससे किसी का कार्य सिद्ध हो । अनुकूल ।
३. साधु । ईमानदार । सच्चा (को॰) ।
४. उस ओर का जिधर सूर्य की ओर मुँह करके खड़े होने से दाहिना हाथ पेड़ । उत्तर का उलटा । यौ॰—दक्षिणापथ । दक्षिणायन ।
५. निपुण । दक्ष । चतुर ।
दक्षिण ^२ संज्ञा पुं॰
१. दक्खिन की दशा । उत्तर के सामने की दिशा ।
२. काव्य या साहित्य में वह नायक जिसका अनुराग अपनी सब नायिकाओं पर समान हो ।
३. प्रदक्षिण ।
४. तंत्रोक्त एक आचार या मार्ग । विशेष—कुलार्णव तंत्र में लिखा है कि सबसे उत्तम तो वेदमार्ग है, वेद से अच्छा वैष्णाव मार्ग है, वैष्णव से अच्छा शैव मार्ग है, शेव से अच्छा दक्षिण मार्ग है, दक्षिण से अच्छा वाम मार्ग है और वाम मार्ग से भी अच्छा सिद्धांत मार्ग है ।
५. विष्णु ।
६. शिव का एक नाम (को॰) ।
७. दाहिना हाथ या पार्श्व (को॰) ।
८. दे॰ 'दक्षिणाग्नि' ।
९. रथ कै दाहिनी ओर का अश्व (को॰) ।
१०. दक्षिण का प्रदेश (को॰) ।
दक्षिण मार्ग संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक प्रकार की तांत्रिक साधना ।
२. पितृयान [को॰] ।