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दस

विक्षनरी से

विशेषण

संज्ञा

संख्या १०

अनुवाद

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

दस संज्ञा पुं॰ [अ॰] शिक्षा । नसीहत । उपदेश । उ॰—जो पड़ते दर्स जब थे खुर्द साल, मस्जिद दरमियान तख्ती कतें ले ।— दक्खिनी॰, पृ॰, ११५ ।

दस ^१ वि॰ [सं॰ दश]

१. पाँच का दूना । जो गिनती में नौ से एक अधिक हो ।

२. कई । बहुत से । जैसे,—(क) दस आदमी जो कहें उसे मानना चाहिए । (ख) वहाँ दस तरह की चीजे देखने को मिलेंगी ।

दस ^२ संज्ञा पुं॰

१. पांच की दूनी संख्या ।

२. उक्त संख्या का सूचक अंक जो इस प्रकार लिखा जाता है—१० ।

दस † ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ दिश्, प्रा॰ दिस्, राज॰ दस] ओर । तरफ । दिशा । उ॰—आज घरा दस ऊनम्यउ, काली धड़ सखराँह । उवा धण देसी ओलँबा, कर कर लाँबी बाँह ।—ढोला॰, दू॰ २७१ ।

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