धागा
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
धागा † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ तागा] बटा हुआ सूत । डोरा । तागा । यौ॰— धागा गंडा = तंत्र मंत्र से पवित्र किया हुआ वह डोरा जो हाथ की कलाई में बाँधा जाता है । उ॰—उसके माता पिता ने बडे़ बडे़ गुणी तथा पंडितों को बुलाकर धागा गंडा बँधवाया ।—कबिर मं॰, पृ॰ ४७७ । मुहा॰— धागा भरना = कपडे़ के छेद आदि में तागे भरकर उसे रफू करना । धागे धागे करना = किसी कपडे़ के बहुत ही छो़टे छोटे टुकडे़ करना । चिथडे़ चिथेडे़ करना ।