प्रसार
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
प्रसार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. विस्तार । फैलाव । पसार ।
२. संचार ।
३. गगन ।
४. निर्गम । निकास ।
५. इधर उधर जाना । फिरना ।
६. कौटिल्य अर्थशास्त्रानुसार युद्ध के समय वह सहायता जो जंगल आदि पड़ने से प्राप्त हो जाय ।
७. खोलना । जैसे, मुख प्रसार (को॰) ।
८. फेंकना । उत्क्षेपण । जैसे, धूलि प्रसार (को॰) ।
९. क्रय विक्रय की दूकान । व्यापारी की दूकान । बनिए की दूकान (को॰) ।