विस्तार
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
विस्तार संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. लंबे या चौड़े होने का भाव । फैले होने का भाव । फैलाव । जैसे—(क) इस मकान का विस्तार कम है । (ख) तुम बातों का बहुत अधिक विस्तार करते हो ।
२. पेड़ की शाखा ।
३. गुच्छा ।
४. शिव का एक नाम ।
५. विष्णु का एक नाम ।
६. विवरण । पूरा ब्यौरा (को॰) ।
७. वृत्त का व्यास (को॰) ।
८. झाड़ी (को॰) ।