विराम
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संज्ञा
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
विराम संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. किसी क्रिया या व्यापार का कुछ देर के लिये बद होना । रूकना या थमना । ठहराव । ठहरना । यो॰—विरामसंधि=युद्ध में लिप्त दोनो पक्षो की ओर कुछ समय के लिये युदध बंद करने का सपझौता । युदध बंद करने की संधि । उ॰— हंगेरी ने विरामसंधि कर ली ।—आ॰ अ॰ रा॰, पृय ५२ ।
२. चलने की थकावट दूर करने के लिये रास्ते में ठहरना । चलना रोकना । सुस्ताना । दम मारना । विश्राम । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना ।
३. वाक्य के अंतर्गत वह स्थान जहाँ बोलते समय ठहरना पड़ता हो ।
४. छंद के चरण में वह स्थान जहाँ पढ़ते समय कुछ ठहरना पड़े । यति ।
५. विष्णु का एक नाम (को॰) ।
६. अंत । समाप्ति । उपसंहार । यौ॰—विरामचिह्न=वह निशान वा चिहुन जिससे रूकाव, ठहराव या समाप्ति सूचित हो ।